मोक्ष
क्या है मुक्ति , विमुक्ति या विमोक्ष , जन्म और मरण के बन्धन से छूट जाना ही है मोक्ष || धर्म पर मिलता है स्वर्ग में स्थान | कर्म ही कराते हैं उस ओर प्रस्थान | मत्यु बाद आत्मा करती है बैकुंठ में वास | स्वर्ग ही होता है उस समय उसका निवास || वैदिक मान्यतानुसार मोक्ष की अवधि 30नील10खरब 40अरब ज्ञात है| इसमे जीवात्मा जन्म मरण से लम्बी अवधि का अवकाश ले, ईश्वर के सान्निध्य में व्याप्त है | सब त्याग जब एक जीवात्मा वैराग्य पाती है | ईश्वर उपासना, ध्यान, समाधि सहित यज्ञ आदि कर ईश्वर साक्षात्कार में प्रवृत्त हो जाती है || क्या है मुक्ति, विमुक्ति या विमोक्ष, जन्म और मरण के बन्धन से छूट जाना ही है मोक्ष ||
Moksh
Kya Hai Mukti , Vimukti Ya Vimoksh ,
Janm Aur Maran Ke Bandhan Se Chhoot Jaana Hee Hai Moksh
Dharm Par Milata Hai Svarg Mein Sthaan
Karm Hee Karaate Hain Us Or Prasthaan
Matyu Baad Aatma Karatee Hai Baikunth Mein Vaas
Svarg Hee Hota Hai Us Samay Usaka Nivaas
Vaidik Maanyataanusaar Moksh Kee Avadhi 30neela10kharab
40arab Gyaat Hai|
Isame Jeevaatma Janm Maran Se Lambee Avadhi Ka Avakaash Le,
Eeshvar Ke Saannidhy Mein Vyaapt Hai
Sab Tyaag Jab Ek Jeevaatma Vairaagy Paatee Hai
Ishvar Upaasana, Dhyaan, Samaadhi Sahit Yagy Aadi Kar Eeshvar
Saakshaatkaar Mein Pravrtt Ho Jaatee Hai
Kya Hai Mukti, Vimukti Ya Vimoksh,
Janm Aur Maran Ke Bandhan Se Chhoot Jaana Hee Hai Moksh
Written By - Ms. Nikhlesh Sejwar 'Nik'
From - Uttar Pradesh
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